Bura Waqt Shayari :- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, आजके ईस नये पोस्ट मे। हम आशा करते है की आप सब एकदम स्वस्थ और मस्त होंगे। आजके ईस पोस्ट मे हमने बुरे वक़्त पर शायरी लिखी है। आपको यहाँ पर Bura Waqt Shayari मिल जाएगी। जो आपके बुरे वक्त के दुःख को बया करती है।
दोस्तों अच्छा वक्त और बुरा वक्त एतो हमारे जीवन आते रहते है। कभी अच्छा वक्त आता है, तो कभी बुरा वक्त आता है। इंसान अच्छे वक्त मे अपने सुखी जीवन को अच्छे से जीता है। बड़े बड़े सौख करता है, अपने आप को खुशनसीब समझता है। लेकिन बुरा वक्त उसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सबक सीखा जाता है।
बुरा वक्त सभी इंसान को अंदर से तोड़ देता है। और बुरे वक्त की एक ही अच्छी बात है की वो हमें यह बता देता है, हमारा सबसे अच्छा दोस्त, प्यार कौन है। क्यूंकि सभी लोग आपके अच्छे वक्त मे साथ होते है, लेकिन आपके बुरे वक्त मे कोई साथ नहीं देता है। बुरा वक़्त सभी इंसान को बहुत तड़पता है, और बहुत रुलाता है।
Contents
Bura Waqt Shayari
एक दिन मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी खूब रोया,
बोला बन्दा तू ठीक है बस मैं ही ख़राब चल रहा हूँ।
बुरा वक्त और हालात इंसान को
उम्र से पहले ही जिम्मेदार और
समझदार दोनों बना देता है।
समय दिखाई नहीं देता,
पर बहुतों को बहुत कुछ दिखा जाता है।
डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की
अब कहते हैं समझा करो वक्त नहीं है।
सारे सबक किताबो में नही मिलते,
कुछ सबक जिंदगी भी सिखाती है।
कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला,
जोभी मिलता है समझा के चला जाता है।
अकेले ही गुजर जाती है तन्हा ज़िंदगी,
लोग तसल्लियाँ तो देते हैं साथ नहीं देते।
लगता था ज़िन्दगी बदलने में वक़्त लगेगा,
पर कहाँ पता था बदलता हुआ
वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा।
तेरे नफरत से भी मैंने रिश्ता निभाया है,
तूने बार बार मुझे फाल्तू होने का
अहसास दिलाया है।
बुरे वक़्त पर शायरी
कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं,
चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये
बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।
वक्त को बुरा ना कहो,
लोगो की असलियत यही दिखाता है।
बुरे वक्त में भी जो तुमसे जुदा ना हो,
गौर से देखना कहीं खुदा ना हो।
ये वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से ज़ख्म को नासूर कर देता है।
किसी के सपने किसी का प्यार पूरा न हो,
इंसान का वक़्त इतना भी बुरा न हो।
मालूम नही था कि ऐसा भी एक वक्त आएगा,
इन बेवक्त मौसमों की तरह,
मेरा प्यार भी पल भर में बदल जाएगा।
ये तो न कह कि किस्मत की बात है,
मेरी बरबादियों में तेरा भी हाथ है।
इलाजे दर्दे दिल तुमसे मेरे मसीहा हो नहीं सकता,
तुम अच्छा कर नहीं सकते
मैं अच्छा हो नहीं सकता।
यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती,
लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं।
Bura Waqt Shayari in Hindi
कौन अपना कौन पराया,
बुरे वक्त ने सब बताया।
अपना पन तो सब दिखाते है,
पर कौन अपना है ये वक्त ही बताता है।
वक़्त रेहता नहीं कहीं टिक कर
आदत इसकी भी आदमी सी है।
कभी खिलाफ़ तो कभी साथ होता है,
इंसान की बर्बादी में वक़्त का भी हाथ होता है।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
कितना अधूरा लगता है,
जब बादल हो और बारिश ना हो,
ज़िन्दगी हो पर प्यार न हो,
आँखें हो पर ख्वाब न हो,
कोई अपना हो और वो पास न हो।
दिल खोल कर हंसना तो मैं भी चाहता था,
जिम्मेदारियों के बीच कभी वक़्त ही नही मिला।
वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए।
जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं।
Bure Waqt Ki Shayari in Hindi
ऐ वक्त ले चल हमें उसी बचपन में,
जहां ना कभी कोई जरूरी था,
और ना किसी चीज की जरूरत।
समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं
जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।
दर्द ही हमदर्द बन गया है इस वक़्त,
जब खुद अपना हाल बयाँ करने से कतराता हु मै।
बुरा वक़्त सबका आता हैं,
कोई निखर जाता हैं कोई बिखर जाता हैं।
अच्छे वक्त की कदर अक्सर
बुरे वक्त के बाद होती है।
बुरा वक्त ही तो है अपने में छुपे हुए गैर नजर आते हैं,
कुछ लोग जो गैर होते है अपने जैसे भा जाते हैं।
शायद हर इंसान मन से अच्छा होता है,
वक्त उससे बुरा बना देता है।
टूटे ख़्वाब ले कर हालातों से जंग जारी है,
लगा ले ज़ोर बुरे वक़्त तू भी तुझसे
तो मैदान ए जंग की तैयारी है।
वक्त वही है इंसान अलग अलग हो जाते हैं,
किसी लिए वो अच्छा है ,किसी का बुरा हो जाता है।
Bura Waqt Shayari 2 lines
बुरा वक्त पूछ के नहीं आता साहब,
कई बार जजो को भी वकील करने पड़ जाते है।
मेरे बुरे वक्त मे साथ खड़े रहने वालो,
वादा रहा मेरा अच्छा वक्त केवल तुम्हारे लिए होगा।
कलाई में अच्छी घडी देख कर
ये मत जान लेना की उसका वक़्त सही है।
सपना कुछ और ही देखा था
और वक्त ने कुछ और ही दिखा दिया।
इस दुनिया में अच्छे सभी होते हैं,
बस पहचान बुरे वक्त में होती है।
चेहरों को बेनकाब करने में,
ए बुरे वक़्त तेरा हजार बार शुक्रिया।
बद नसीबी ही ऐसी है,
दिन में किसी न किसी वक्त रोना आ ही जाता है।
बदलता वक़्त देखा है मैंने,
अपने ही हमदर्द को अपना दर्द बनते देखा है मैंने।
ऊपर वाला लम्बा समय सबको दे,
पर मुश्किल समय किसी को न दे।
Bure Waqt Me Koi Sath Nahi Deta Shayari
देता नहीं है साथ बुरे वक़्त में कोई,
ताक़त भी हो गई है तन-ए-ज़र से अलग।
कभी कभी कितनी बाते करनी होती हैं,
लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं होता।
कभी कभी वक्त के साथ सब कुछ ठीक नहीं,
बल्कि सब कुछ खत्म हो जाता है,
हिसाब किताब न पूंछ ए जिंदगी,
जब तूने भी सितम न गिने तो
हमने भी ज़ख्म न गिने।
याद चाहे कितनी भी बुरी हो बस वही,
याद रह जाता हैं जिसे हम भूलना चाहते हैं।
धोखा देने के लिए शुक्रिया,
तुम न मिलते तो ज़िन्दगी समझ में न आती।
जीवन में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो,
अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए
अपने कभी नजर नहीं आते।
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं,
की ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा हैं।
तकलीफ तो जिंदगी देती हैं,
मौत को तो लोग युही बेवजह बदनाम करते हैं।
Last Word :-
दोस्तों मे आशा करता हूँ की हमारे द्वारा लिखी गई Bura Waqt Shayari आपको बहुतही ज्यादा पसंद आई होगी। अगर यह शायरी आपको पसंद आई है, तो हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य कमेंट करके बताएं। और साथ ही आप हमें यह भी बता सकते हैं, कि इन बुरा वक़्त शायरी में से सबसे अच्छी शायरी आपको कौन सी लगी। और आप बुरा वक़्त शायरी को अपने सभी दोस्तों के साथमे शेयर कर सकते है। और इसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सप्प मे भेज सकते है।