250+ Best Gulzar Shayari 2024 | गुलजार साहब की शायरी

Gulzar Shayari :- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, आजके ईस नये पोस्ट मे। हम आशा करते है की आप सब एकदम स्वस्थ और मस्त होंगे। आपको ईस पोस्ट मे बेस्ट गुलजार साहब की शायरी मिल जाएगी। आप गुलजार साहब की शायरिया पढ़ना चाहते है, तो आप ईस पोस्ट को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पढ़े।

दोस्तों सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार का जन्म दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान में है। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनके पिता का नाम माखन सिंह कालरा और माँ का नाम सुजान कौर था। गुलज़ार भारतीय गीतकार,कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। गुलजार को हिंदी सिनेमा के लिए कई प्रसिद्ध अवार्ड्स से भी नवाजा गया है।

Best Gulzar Shayari 2024

Gulzar Shayari

बेशूमार मोहब्बत होगी
उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है।

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता,
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।

तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन।

Gulzar Shayari

खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते।

तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं,
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ भेजी हैं।

तन्हाई अच्छी लगती है,
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए ज़िद नहीं करती।

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।

आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।

गुलजार साहब की शायरी

Gulzar Shayari

मेरी कोई खता तो साबित कर,
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर,
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने,
चल मैं बेवफा ही सही,
तू अपनी वफ़ा साबित कर।

आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है,
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है।

Gulzar Shayari

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना पिंघल रही होगी।

क्या पता कब कहां मारेगी,
बस मैं जिंदगी से डरता हूँ,
मौत का क्या है एक बार मारेगी।

मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।

कुछ भी कायम नहीं है, कुछ भी नहीं,
और जो कायम है, बस एक मैं हूँ,
मैं जो पल-पल बदलता रहता हूँ।

एहतियातन बुझा-सा रहता हूँ,
जलता रहता तो खाक हो जाता।

Gulzar Shayari in Hindi

Gulzar Shayari

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

Gulzar Shayari

मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह
मुझे दोनो है तुमसे।

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।

ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा,
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है।

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को
खुद से पहले सुला देता हूँ,
मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।

Gulzar Ki Shayari in Hindi

तजुर्बा कहता है, रिश्तों में फैसला रखिए,
ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है।

कोई समझे तो एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है, मतलबी लोगों से।

अगर कसमें सब होती,
तो सबसे पहले खुदा मरता।

बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।

खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं,
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है।

मैंने दबी आवाज़ में पूछा मुहब्बत करने लगी हो,
नज़रें झुका कर वो बोली बहुत।

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।

मैं दिया हूँ मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।

Gulzar Sahab Shayari

पसंद तो ये दुनियाँ भी नहीं आती कभी कभार,
पर उस एक पल के लिए हम मर तो नहीं सकते।

क्योंकि हम तो आवारा थेतो ये फरमान सुनाया गया,
की बेरोज़गारी का इश्क़ बाद में मुकम्मल नहीं होता।

बहुत कम लोग बादलों के
सफ़र से ज़िंदा लौट पाते हैं,
क्या तुम्हें लगता है,
तुम यहीं रहनें वाले हो हमेशा के लिए।

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता,
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।

ख़रीद लिए जाते हैं शहर में आज़कल सब कुछ,
गांवों में अब भी कुछ चीजें बिकाउं नहीं हैं।

तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन।

हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह।

वो उम्र कम कर रहा था मेरी,
मैं साल अपने बढ़ा रहा था।

Gulzar Shayari On Life

जिंदगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा ही रह गया,
हम सीख न पाए फरेब और दिल बच्चा ही रह गया।

जिंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने,
एक कमजोर हिचकी के सिवाए कुछ नहीं।

लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है,
चलिए छोड़िए कौन सी पहली दफा है।

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।

मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था।

तुम लौट कर आने की तकलीफ़ मत करना,
हम एक ही मोहब्बत दो बार नहीं किया करते।

तमाशा करती है मेरी जिंदगी,
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं।

बचपन में भरी दोपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आईं पांव जलने लगे।

Gulzar Shayari in Hindi 2 Line

काई सी जम गई है आँखों पर,
सारा मंज़र हरा सा रहता है।

इस दौर के लोगों में वफा ढूंढ रहे हो,
बड़े नादान हो साहब,
जहर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो।

वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं।

एक सन्नाटा दबे-पाँव गया हो जैसे,
दिल से इक ख़ौफ़ सा गुज़रा है बिछड़ जाने का।

कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं,तो तुम शर्ते बदल देते हो।

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को,
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।

चंद उम्मीदें निचोड़ी थी तो आहें टपकीं,
दिल को पिघलाएँ तो हो सकता है साँसें निकलें।

Gulzar Shayari On Love

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ।

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते,
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी।

मुझसे तुम बस मोहब्बत कर लिया करो,
नखरे करने में वैसे भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।

चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने,
मैंने देखी है बड़ी ईमानदार लगती है।

आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।

दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं।

उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

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Last Word :-

दोस्तों मे आशा करता हूँ की हमारे द्वारा लिखी गई Gulzar Shayari आपको बहुतही ज्यादा पसंद आई होगी। अगर यह शायरी आपको पसंद आई है, तो हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य कमेंट करके बताएं। और साथ ही आप हमें यह भी बता सकते हैं, कि इन गुलजार साहब की शायरी में से सबसे अच्छी शायरी आपको कौन सी लगी। और आप गुलजार साहब की शायरी को अपने सभी दोस्तों के साथमे शेयर कर सकते है। और इसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सप्प मे भेज सकते है।

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